
Safar me Roza rakho ya na rakho uski ijazat hai
हज़रत आयशा (र) बयान करती हैं कि हमज़ा-बिन-अम्र असलमी (र) बहुत ज़्यादा रोज़े रखा करते थे। उन्होंने नबी (ﷺ) से कहा : में दौराने-सफ़र रोज़ा रख लिया करूँ? आप ﷺ ... Read MoreRead More
हज़रत आयशा (र) बयान करती हैं कि हमज़ा-बिन-अम्र असलमी (र) बहुत ज़्यादा रोज़े रखा करते थे। उन्होंने नबी (ﷺ) से कहा : में दौराने-सफ़र रोज़ा रख लिया करूँ? आप ﷺ ... Read MoreRead More
हज़रत अबू-हुरैरा (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : जो शख़्स किसी रुख़सत (छूट) (सफ़र वग़ैरा) और मर्ज़ के बग़ैर रमज़ान का एक रोज़ा छोड़ दे तो ... Read MoreRead More
नबी (ﷺ) के किसी सहाबी से रिवायत है। उन्होंने कहा : मैंने मक़ाम अरज पर नबी (ﷺ) को हालते-रोज़ा में प्यास या गर्मी की वजह से सिर पर पानी डालते ... Read MoreRead More
हज़रत आमिर-बिन-रबीआ (र) बयान करते हैं कि मैंने अन-गिनत मर्तबा नबी (ﷺ) को रोज़ा की हालत में मिस्वाक करते हुए देखा है। Mishkat 2009* (*यह हदीस जईफुल असनाद है।) ... Read MoreRead More
हज़रत अबू-हुरैरा (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : जिस शख़्स को रोज़े की हालत में क़ै (उल्टी)आ जाए तो उसपर कोई क़ज़ा नहीं और जो शख़्स ... Read MoreRead More
हज़रत आयशा (र) बयान करती हैं। रसूलुल्लाह ﷺ को रमज़ान में कभी हालते-जनाबत में सुबह हो जाती तो आप ग़ुस्ल करते और फिर रोज़ा रखते। (मुत्तफ़क़ अलैह) Mishkat 2001 ... Read MoreRead More
हज़रत अबू-हुरैरा (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : जो शख़्स भूल जाए कि वो रोज़े से है और वो खा ले या पी ले तो वो ... Read MoreRead More
हज़रत अबू-हुरैरा (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : मोमिन की बेहतरीन सेहरी खजूर है। (अबू-दाऊद) Mishkat 1998 ... Read MoreRead More
हज़रत अबू-हुरैरा (र) बयान करते रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : जो शख़्स (रोज़ा की हालत में) झूट और बुरे काम तर्क नहीं करता तो अल्लाह को कोई ज़रूरत नहीं कि ... Read MoreRead More
ذَهَبَ الظَّمَأُ وَابْتَلَّتِ الْعُرُوقُ وَثَبَتَ الْأَجْرُ إِنْ شَاءَ الله हज़रत इब्ने-उमर (र) बयान करते हैं कि जब नबी (ﷺ) रोज़ा इफ़्तार करते तो आप ये दुआ पढ़ा करते थे : ... Read MoreRead More