Meri Aankh soti hai mera Dil nahi sota

अबू सलमाह बिन अब्दुर रहमान ने हजरत आयशा से पूछा कि रसूलुल्लाह (ﷺ) (तरावीह या तहज्जुद की नमाज़) रमज़ान में कितनी रकअतें पढ़ते थे? तो उन्होंने बतलाया कि रमज़ान हो ... Read MoreRead More

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Qari ke pichhe Bajamat Taraweeh

हजरत अब्दुल रहमान बिन अब्दुल कारी फरमाते हैं कि मैं उमर-बिन-ख़त्ताब (र) के साथ रमज़ान की एक रात को मस्जिद में गया। सब लोग अलग-अलग और मुन्तशिर थे कोई अकेला ... Read MoreRead More

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Qiyam ul Laiyl – Taraweeh

मैंने रसूलुल्लाह (ﷺ) से सुना आप (ﷺ) रमज़ान के फ़ज़ायल बयान फ़रमा रहे थे कि जो शख़्स भी उसमें ईमान और एहतिसाब के साथ (रात में) नमाज़ के लिये खड़ा ... Read MoreRead More

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Sahri aur Azan ka fasla

नबी करीम (ﷺ) के साथ हमने सेहरी खाई फिर आप (ﷺ) सुबह की नमाज़ के लिये खड़े हुए। मैंने पूछा कि सेहरी और अज़ान मैं कितना फ़ासला होता था तो ... Read MoreRead More

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Sakhawat ki Aandhi

अब्दुल्लाह-बिन-अब्बास (र) ने कहा, नबी करीम (ﷺ) सख़ावत और ख़ैर के मामले में सबसे ज़्यादा सख़ी थे और आप (ﷺ) की सख़ावत उस वक़्त और ज़्यादा बढ़ जाती थी जब ... Read MoreRead More

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Jahannum ki Aag se Dhaal

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया, रोज़ा दोज़ख़ से बचने के लिये एक ढाल है इसलिये (रोज़ेदार) न गन्दी बातें करे और न जहालत की बातें और अगर कोई शख़्स उस से ... Read MoreRead More

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Roza todne wala Shakhs or Rasoolallah ki Shfakat ka Waqiya

हज़रत अबू-हुरैरा (र) बयान करते हैं कि हम नबी (ﷺ) की ख़िदमत में हाज़िर थे कि इतने में एक आदमी ने आप की ख़िदमत में हाज़िर हो कर कहा : ... Read MoreRead More

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Rozedar ke liye 2 Khushiyan

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : रोज़ेदार के लिये दो ख़ुशियाँ हैं : एक ख़ुशी इफ़्तार करते वक़्त होती है और दूसरी इस वक़्त होगी जब वो अपने रब से मिलेगा। ... Read MoreRead More

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Jism ki Zakat Roza hai

हज़रत अबू-हुरैरा (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : हर चीज़ की ज़कात है। जबकि जिस्म की ज़कात रोज़ा है। Mishkat 2072* (*यह हदीस जईफुल असनाद है।) ... Read MoreRead More

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Haaiza aurat Roze ki Qaza karegi

हज़रत मुआज़ा अदविया (र) से रिवायत है कि उन्होंने आयशा (र) से कहा : हायज़ा का क्या मामला है कि वो रोज़े की क़ज़ा देती है और नमाज़ की क़ज़ा ... Read MoreRead More

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