हज़रत अबू-हुरैरा (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : जब तुममें से कोई अज़ान (फ़ज्र) सुने और (खाने-पीने का) बर्तन उसके हाथ में हो तो वो अपनी ज़रूरत पूरी करने के बाद उसे नीचे रखे। (अबू-दाऊद)
Mishkat 1988
जब कभी ऐसा वक्त आजाए की सहरी का ऐलान खत्म हो चुका हो या सुनाई ना दिया हो वक्त निकल चुका हो और हाथ में कुछ खाने पीने का हो और अजान की आवाज सुनाई दे तो उसमे कुछ खा पी ले ने के बाद ही बर्तन को रखे। वल्लाहू आलम