हज़रत अबू-अय्यूब (र) से रिवायत है, रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया: जिस शख़्स ने रमज़ान के रोज़े रखे फिर उसके बाद शव्वाल में छः रोज़े भी रख लिये तो उसने मानो ज़माने-भर (पूरे साल के) रोज़े रखे।
Ibne Majah 1716
नबी अकरम (ﷺ) ने फ़रमाया : जिसने रमज़ान के रोज़े रखे फिर उस के बाद शव्वाल के छः ( नफ़ली ) रोज़े रखे तो यही सौमे-दहर (पूरे साल रोज़े रखना) है।
Tirmizi 759
नबी ﷺ के सहाबी हज़रत अबू-अय्यूब (र) नबी ﷺ से बयान करते हैं आप ने फ़रमाया : जिसने रमज़ान के रोज़े रखे फिर उस के बाद शव्वाल में छः रोज़े रखे तो उसने मानो ज़माना भर रोज़े रखे।