Sahri Khaya karo

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हज़रत अनस (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : सेहरी खाया करो क्योंकि सेहरी खाने में बरकत है। (मुत्तफ़क़ अलैह)
Mishkat 1982
हज़रत अम्र-बिन-आस (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : हमारे और अहले-किताब के रोज़ों में सेहरी खाने का फ़र्क़ है। (मुस्लिम)
Mishkat 1983
हज़रत अरबाज़-बिन-सारिया (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने रमज़ान में मुझे सेहरी की दावत देते हुए फ़रमाया : मुबारक खाने की तरफ़ आओ। अबू-दाऊद और नसाई
Mishkat 1997