Sahri aur Azan ka fasla

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नबी करीम (ﷺ) के साथ हमने सेहरी खाई फिर आप (ﷺ) सुबह की नमाज़ के लिये खड़े हुए। मैंने पूछा कि सेहरी और अज़ान मैं कितना फ़ासला होता था तो उन्होंने कहा कि पचास आयतें (पढ़ने) के मुवाफ़िक़ फ़ासला होता था।
Sahih Bukhari 1921