जिस तरह से आज के ज़माने में कुछ चीज का नाप तोल उसके पैमाइश में होता है जैसा की ग्राम, किलो ग्राम, लीटर वगेरह इस तरह रसुलुल्लाह ﷺ के ज़माने में नाप तोल की पैमाइश मूद और सा में होती थी। मुद्दे नबवी और सा ए नबवी ये नबी करीम ﷺ के बर्तन थे जिस से नबी करीम ﷺ वज़ू करते, गुस्ल करते और इसको ही नाप तोल का पैमाना भी बनाते। बुखारी मुस्लिम समेत बहुत सी हदीस में मदीना के मुद और सा के लिए बरकत कि दुआ भी कि है।
अब आज के ज़माने और पैमाने के हिसाब से मुद और सा कितना होगा ? सदका ए फीत्र की बात करे तो एक सा अनाज (गेहूं, जव, आटा), खजूर, पनीर, किशमिश, अंजीर देने का हुक्म हदीस में आया है। एक सा कितना वजन होगा ?
हुज़ूर नबी करीम ﷺ का जो बरतन था सा वो आज के हिसाब से 3 लीटर (तकरीबन) का बरतन बनता है। यानी 3 लीटर पानी या दूध जिस बरतन (पतीला या तपेली) में आए वो बरतन में आप चाहे गेहूं का वज़न करे या जव का या खजूर का या पनीर का या किशमिश या अंजीर का सब का पैमाना यानी के किलोग्राम अलग अलग होगा। और वजन के हिसाब से और उसकी कीमत के हिसाब से सब कि कीमत अलग अलग बनेगी।
गेहूं की बात करे तो 3 लीटर बरतन में 2.5 किलोग्राम से 3 किलोग्राम लगभग वज़न होता है। और सदका उसी का देना चाहिए जो हम अपने लिए इस्तेमाल करते हैं। हम अगर 40 रूपए किलोग्राम के गेहूं इस्तेमाल करते हैं तो 120 रूपए एक इंसान का सदका ए फीत्र हुआ। अगर अल्लाह ने आपको खूब नवाजा है तो आप खजूर अंजीर वगेरह का सदका निकाले। खजूर का हिसाब एक इंसान का 1000-1200 रूपए बनता है।
अल्लाह की राह में जितना खर्च करोगे उतनी ही बरकत होगी। इंशाल्लाह
सुन्नते रसूल के मुताबिक फित्राना निकाले और उसके हकदार को अदा करे।
फीतरा किट में हम ड्राई फ्रूट, सेवैंया, घी, शक्कर, चारोली, दूध की रकम वगेरह देते हैं। एक किट 250 रूपए की है। आप अपनी हैसियत के हिसाब से सदका फित्र अदा करें।