0 Comments हज़रत इब्ने-अब्बास (र) बयान करते हैं कि जब माहे-रमज़ान आता तो रसूलुल्लाह ﷺ हर क़ैदी को आज़ाद फ़रमा देते और हर सवाल करने वाले को अता किया करते थे। Mishkat 1966 (*यह हदीस जईफुल असनाद है।) Tags: Charity, Ramdan fazilat, Sadqat, zakat