Jism ki Zakat Roza hai

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हज़रत अबू-हुरैरा (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : हर चीज़ की ज़कात है। जबकि जिस्म की ज़कात रोज़ा है।
Mishkat 2072*

(*यह हदीस जईफुल असनाद है।)