हज़रत अब्दुल्लाह-बिन-अम्र (र) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : रोज़ा और क़ुरआन बन्दे के लिये सिफ़ारिश करेंगे रोज़ा कहेगा अये मेरे रब ! मैंने दिन के वक़्त खाने-पीने और ख़ाहिशात से उसे रोक रखा उसके मुताल्लिक़ मेरी सिफ़ारिश क़बूल फ़रमा और क़ुरआन कहा करेगा : मैंने उसे रात के वक़्त सोने से रोके रखा उसके मुताल्लिक़ मेरी सिफ़ारिश क़बूल फ़रमा उन दोनों की सिफ़ारिश क़बूल की जाएगी। (बैहक़ी)