हज़रत इब्ने-अब्बास (र) बयान करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ख़ैर और भलाई में सबसे ज़्यादा सख़ी थे। और जब रमज़ान में जिब्रील (अ) आप ﷺ से मुलाक़ात करते तो आप ﷺ की सख़ावत बढ़ जाती वो रमज़ान की हर रात आप से मुलाक़ात करते तो नबी (ﷺ) उन्हें क़ुरआन सुनाया करते थे। जब जिब्रील आप से मुलाक़ात करते तो आप ख़ैर और भलाई और सख़ावत करने में खुली हवा (तेज़ रफ़्तार आँधी) से भी बढ़कर होते थे। (मुत्तफ़क़ अलैह)